मिली जानकारियों से ऐसा लग रहा है कि ओलंपिक में बॉक्सिंग का भविष्य खतरे में है।
IBA अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव में अधिकारियों ने रविवार को येरेवन, आर्मेनिया में रूसी उमर क्रेमलेव को दोबारा अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष के तौर पर चुना।
IBA अध्यक्ष का ओलंपिक में मुक्केबाजी पर बयान
दिसंबर 2020 में IBA अध्यक्ष चुनने के बाद से ही क्रेमलेव ने IBA का ओलंपिक में जाने नीति को लेकर पहले भी यह अंदेशा दिखाया कि वो इस बात पर सहमत नहीं है।
बैठक के बाद क्रेमलेव ने कहा,
“हमें ओलंपिक बॉक्सिंग नहीं कहना चाहिए, हमें IBA बॉक्सिंग करनी चाहिए।
“उनके इस बयान के बाद अब खेल की स्थिति गंभीर संदेह के घेरे में है।
“मैं आपके लिए काम कर रहा हूं, एक साइड संगठन के लिए नहीं,” उन्होंने कहा।
“संगठन पर किसी और का प्रभाव नहीं होना चाहिए।”
इससे पहले बॉक्सिंग को 2028 के लॉस एंजिल्स खेलों के लिए खेलों की पहली सूची से हटा दिया गया था,
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने जताया खेद
जिसके कारण अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) में यह चिंता का विषय बना हुआ था।
IOC ने एक बयान में कहा, “इन परेशान करने वाले घटनाक्रमों के बाद,
IOC (कार्यकारी बोर्ड) को अपनी अगली बैठक में स्थिति की पूरी समीक्षा करनी होगी।”
IOC ने वित्तीय में घोटाले के कारण 2019 में IBA (जिसे पहले AIBA के नाम से जाना जाता था) को निलंबित कर दिया था,
इसलिए IOC को 2020 टोक्यो ओलंपिक में ही बॉक्सिंग टूर्नामेंट चलाने के लिए छोड़ दिया गया।
IOC की समिति को शामिल किए बिना IBA आगामी पेरिस खेलों में भी मुक्केबाजी टूर्नामेंट चलाने की योजना बना रही है,
आईओसी ने अपनी अगली बैठक में इस मामले पर चर्चा करने की योजना बनाई है।
बात करें बॉक्सिंग की तो यह एक प्राचीन ओलंपिक खेल था,
जो 1904 में आधुनिक ओलंपिक खेलों में पेश किया गया था। इसे 1920 से हर खेल में शामिल किया गया है।
लेकिन इस तरह के चल रहे विवादो को देखकर लगता है कि,
ओलंपिक में बॉक्सिंग का भविष्य खतरे में है और इस पर चल रहे विवाद से मुक्केबाजों का भारी नुकसान होने वाला है।