Bob arum का कहना फ़्यूरि-उस्क का मुकाबला सर्दियों मे, प्रमोटर Bob Arum का कहना है कि टायसन फ्यूरी और ऑलेक्ज़ेंडर उस्क के बीच बातचीत मध्य पूर्व में निवेशकों के साथ सौदा करने में असमर्थ होने के बाद सुलझना तय था। काफी बातो के बाद, काफी चर्चो के बाद बड़ी ही सावधानी से इस लडाई की होने की आशंका जताई जा रही थी पर अंत मे सब कुछ उल्टा का उल्टा ही पड़ गया। किसकी माँग जायज थी या किसकी माँग नाजायज थी ये कहने का उत्तर मेरा नही है बोले bob arum।
सऊदी मे दिख रहा था मौका जो विफल हुआ
दोनों फाइटर शुरू में सऊदी अरब में एक-दूसरे के खिलाफ उतरना चाह रहे थे, लेकिन उन्हें अपना ध्यान इंग्लैंड पर केंद्रित करना पड़ा, जहां आयोजक 29 अप्रैल को वेम्बली स्टेडियम में लड़ाई की उम्मीद कर रहे थे।हालाँकि, दोनों को इंग्लैंड में मध्य पूर्वी धरती पर होने वाली लड़ाई की तुलना में बहुत कम पैसे कमाने के लिए समझा जा रहा था। जिसकी वजह से बहुत सी चीजों मे बदलाव हुआ, और धीरे – धीरे ये बदलाव और बढ़ता ही चला गया।
जैसे कि उनके वित्तीय विभाजन के संबंध में उनकी बातचीत में कई मुद्दे सामने आए, और इससे मदद नहीं मिली कि दोनों बोक्सर्स और उनके प्रतिनिधियों ने सार्वजनिक रूप से बातचीत की।Arum ने कहा कि फ्यूरी-उसिक बाते केवल दक्षिण की ओर जा सकती थी जब उन्होंने मध्य पूर्व में लड़ाई होने पर उन्हें प्राप्त होने वाले पर्स के प्रकार को देखा होगा।
पढ़े : Usyk बनाम Dubios का टाइटल डिफ़ेंस मुकाबला चर्चे मे
Arum ने कहा कि सऊदी अरब में निवेशकों ने उन्हें और उनके सहयोगियों को आश्वासन दिया था कि वे लड़ाई के प्रतिरूप में दिलचस्पी लेंगे लेकिन केवल सर्दियों में वो भी नोवेम्बर् या दिसंबर के महीनो मे। उसके बाद जब ये बात यहाँ नही बनी तो इसे लंदन मे करवाने की कोशिश हुई। इस बात पर arum ने कहा कि उसके बाद लंदन में होने वाली लड़ाई के लिए सौदा करना मुश्किल हो गया।
अगर ये लडाई सऊदी अरब मे होती तो मेरा पुरा मानना है कि ये लडाई बिना किसी रुकावट के आराम से चल सकती थी। पर जैसे ही सब कुछ लंदन शिफ्ट हुआ सब कुछ पूरी तरह से उल्टा पड़ने लगा हमे लगा कुछ मौको के बाद ये सुलझ जाएगा पर दिन प्रतिदिन ये बात बिगड़ती ही चली गई थी।जाहिर है, उस मुकाबले को कराने के लिए काफी पैसा था इंग्लैंड के वेम्बली स्टेडियम में। और वो यह था जिस पैसे पर वे राजी हो गए। शायद रीमैच पर असहमति थी, लेकिन मुझे लगता है कि यह सिर्फ एक बहाना था।