साइन इन करेंआपका स्वागत है! अपने अकाउंट पर लॉग इन करेंआपका यूजरनेमआपका पासवर्ड Forgot your password? Get helpगोपनीयता नीतिपासवर्ड की दोबारा प्राप्तिअपना पासवर्ड रिकवर करेंआपका ईमेल एक पासवर्ड आपको ईमेल कर दिया जाएगा।बॉक्सिंग न्यूज़राष्ट्रीय मुक्केबाजीबॉक्सिंग में नहीं दिखा फ्यूचर, अब इस खेल में जीता गोल्ड मैडलबॉक्सिंग में नहीं दिखा फ्यूचर, अब इस खेल में जीता गोल्ड मैडलBoxing News in HindiTuesday, 4 October 2022Boxing Reporter: Dheeraj Roy267साझा करनाFacebookTwitterPinterestTelegramWhatsApp बॉक्सिंग न्यूज़: बॉक्सिंग में नहीं दिखा फ्यूचर, अब इस खेल में जीता गोल्ड मैडलमुक्केबाजों की कहानी हमेशा से ही प्रेरणादायक रही है पर आज हम आपको एक ऐसे एथलिट के बारे में बताएंगे,जिन्होनें मुक्केबाजी से अपने करियर की शुरुआत की ओर भारोत्तोलन यानि की वेटलिफ्टिंग में गोल्ड मेडल जीता।भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य के सुदूर पूर्वी कामेंग जिले के एक किसान के घर जन्मे सैम्बो,एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार में छह लड़कों और तीन लड़कियों में तीसरे स्थान पर हैं।उन्होंने अपनी एथलीट बहन चितुंग लापुंग की तरह ही खेलों को ही अपना करियर अपनाया।अरुणाचल प्रदेश के सैम्बो लापुंग ने बताया कि,मैंने पहली बार 2008 में केवल एक साल के लिए बॉक्सिंग करने की कोशिश की थी, लेकिन मैंने इसे छोड़ दिया।साम्बो लापुंग ने 36वें राष्ट्रीय खेलों में, वेटलिफ्टिंग में स्वर्ण जीतने के तुरंत बाद मुस्कुराते हुए कहा।खेल को बदलने के कारणों को याद करते हुए, सैम्बो लापुंग ने कहा:“मैं शुरु से ही एक मुक्केाजी में जाना था जिसके लिए मैनें ईटानगर में मुक्केबाजी के खेल केंद्र में भी शामिल हो गया।हम वेटलिफ्टिंग के साथ ट्रेनिंग लेते थे और मैंने देखा कि,वेटलिफ्टिंग के कोच हमारी वार्डों की तुलना में बहुत अधिक अच्छे थे।उन्होंने कहा हमारे बॉक्सिंग कोच, जिन्होंने थोड़ी सी भी गलतियों के लिए हमें पीटा।”ये भी पढ़े: नीरज गोयाती: मैंने विजेंदर सिंह से ज्यादा कठिन लड़ाईयां लड़ी हैंएक समय पर सैम्बो लापुंग इतने निराश थे कि वे केंद्र को ही छोड़ना चाहते थे।गोल्ड मैडल जीतने के बाद उन्होंने कहा, अपने शुरुआती दौर में अरुणाचल प्रदेश के वेटलिफ्टिंग अधिकारी अब्राहम ने,मेरी प्रतिभा का आकलन करने के लिए आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट से कोच मिलने के बाद इसे गंभीरता से लेना शुरू कर दिया।”सैम्बो लापुंग ने कहा, राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण जीतना अच्छा लगता है, लेकिन मेरे लिए जो अधिक महत्वपूर्ण है वह राष्ट्रीय रिकॉर्ड था।मैं ट्रेनिंग में भारी वजन उठा रहा हूं लेकिन मेरा कोच चाहते थे कि मैं नए सिरे से शुरुआत करूं।उन्होनें बताया कि सेना में हवलदार के रूप में काम करते हुए उन्हें अपनी सीमित सैलरी के लिए संघर्ष करना होता था।सैम्बो लापुंग ने कहा कि हर साल बैंक ऋण की मदद से डाइट की खुराक की उनकी आवश्यकता पूरी कर रहे थे।ये भी पढ़े: नीरज गोयाती: मैंने विजेंदर सिंह से ज्यादा कठिन लड़ाईयां लड़ी हैंDheeraj Royhttps://boxingpulsenews.com/मैं शहर का नया बॉक्सिंग पत्रकार हूं। सभी चीजों-मुक्केबाजी पर अंतर्दृष्टिपूर्ण, रोशनी वाली रिपोर्टिंग की अपेक्षा करें।साझा करनाFacebookTwitterPinterestTelegramWhatsApp बॉक्सिंग हिंदी लेखMen’s World Boxing Championship: तीन पदक पक्के Friday, 12 May 2023 Women’s World Boxing Championships: IBA ने नई दिल्ली की प्रशंसा की Sunday, 2 April 2023 Women’s World Championships Final day: तालिका में शीर्ष पर भारत Monday, 27 March 2023 IBA Women’s Championships: निखत ने अल्जीरिया की बौआलम को हराया Monday, 20 March 2023 Women’s World Boxing: नीतू, प्रीति, मंजू प्री-क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया Sunday, 19 March 2023 IBA Men’s World Championships मेजबानी की मांग पर बातचीत कर रहा भारत Sunday, 19 March 2023 नवीनतम बॉक्सिंग न्यूज़ इन हिंदीAndrew Moloney vs Judy Flores: आँकड़े और भविष्यवाणियाँ Friday, 8 December 2023 Tony Yoka vs Ryad Merhy: तारीख, समय और भविष्यवाणियाँ Friday, 8 December 2023 स्मिथ लड़ाई के लिए तैयार हैं Thursday, 7 December 2023 वाइल्डर ने पार्कर को सिर्फ दो शब्द कहा रॉबर्ट हेलेनियस Thursday, 7 December 2023 रेजिस प्रोग्रेस नई ऊँचाई की तरफ बढ़ रहे Thursday, 7 December 2023 महिला बोक्सर की रक्षा हमेशा से सर्वप्रतम रही हैं Thursday, 7 December 2023